कैसे काम करती है कार का इंजन
कार का इंजन एक जटिल मशीन है जो गैसोलीन को गति में परिवर्तित करता है। गैसोलीन एक ईंधन है जो हाइड्रोकार्बन से बना होता है। जब गैसोलीन को जलाया जाता है, तो यह ऊर्जा छोड़ता है जो पिस्टन को आगे बढ़ाता है। पिस्टन एक सिलेंडर के अंदर ऊपर और नीचे चलता है। सिलेंडर एक धातु का कंटेनर होता है जो पिस्टन को फिट करता है।
जब पिस्टन ऊपर की ओर बढ़ता है, तो वह सिलेंडर में हवा और गैसोलीन के मिश्रण को संकुचित करता है। जब पिस्टन शीर्ष पर पहुंच जाता है, तो स्पार्क प्लग मिश्रण को प्रज्वलित करता है। यह एक छोटी सी विद्युत चिंगारी होती है जो मिश्रण को जलाती है। जब मिश्रण जलता है, तो यह विस्तार करता है और पिस्टन को नीचे की ओर धकेलता है।
पिस्टन के नीचे की ओर बढ़ने से क्रैंकशाफ्ट घूमता है। क्रैंकशाफ्ट इंजन का वह हिस्सा होता है जो पिस्टन की गति को रोटरी गति में परिवर्तित करता है। रोटरी गति तब पहियों को घुमाने के लिए उपयोग की जाती है।
इंजन के मुख्य भाग
- सिलेंडर: वह धातु का कंटेनर जिसमें पिस्टन ऊपर और नीचे चलता है।
- पिस्टन: एक धातु का प्लंजर जो सिलेंडर के अंदर ऊपर और नीचे चलता है।
- स्पार्क प्लग: एक छोटा उपकरण जो हवा और गैसोलीन के मिश्रण को प्रज्वलित करता है।
- क्रैंकशाफ्ट: वह हिस्सा जो पिस्टन की गति को रोटरी गति में परिवर्तित करता है।
इंजन का कार्य चक्र
इंजन का कार्य चक्र चार चरणों में पूरा होता है:
- सेवन स्ट्रोक: पिस्टन नीचे की ओर बढ़ता है, जिससे सिलेंडर में हवा और गैसोलीन का मिश्रण खींचता है।
- संपीड़न स्ट्रोक: पिस्टन ऊपर की ओर बढ़ता है, जिससे हवा और गैसोलीन के मिश्रण को संकुचित करता है।
- पॉवर स्ट्रोक: स्पार्क प्लग मिश्रण को प्रज्वलित करता है, जिससे विस्तार होता है और पिस्टन को नीचे की ओर धकेलता है।
- एग्जॉस्ट स्ट्रोक: पिस्टन ऊपर की ओर बढ़ता है, जिससे जले हुए गैसों को सिलेंडर से बाहर धकेलता है।
कार का इंजन एक जटिल मशीन है जो कई तरह के भागों से बना होता है। इंजन का कार्य चक्र चार चरणों में पूरा होता है: सेवन, संपीड़न, पॉवर और निकास। इंजन के समुचित कार्य के लिए इन सभी भागों और चरणों को ठीक से काम करना आवश्यक है।